वो कहते हैं
वो कहते हैं की स्त्रियां कभी ज्ञानी न हो पाई, आध्यात्म की पराकाष्ठा को, जन्म मरण की बाधा को न समझ पाई। पर वो ये देखना भूल गए के स्त्रियों के दामन में गृहस्थी का…
वो कहते हैं की स्त्रियां कभी ज्ञानी न हो पाई, आध्यात्म की पराकाष्ठा को, जन्म मरण की बाधा को न समझ पाई। पर वो ये देखना भूल गए के स्त्रियों के दामन में गृहस्थी का…
जीवन के अन्नन्त प्रवाह में, धूंदले से आसमान तले, हर दिन की दौड़ धूप में, ना जाने कितने सपनो को पनपते देखा है… हाँ, मैने परिवर्तन को एक भयंकर रूप लेते देखा है..! कभी करवट…
I was tiny… growing in the womb of my loving mother I was protected in the warmth of love Still, I was curious to come out… To see the world… and to cherish the vibrance……
एक भीषण आपदा के चलते, जब जीवन का प्रवाह रुक सा गया, हर दिन सड़कों पर दौड़ने का सिलसिला, अब कुछ थम सा गया, राहत हुई कुछ रोज की अनचाही परेशानियों से, या शायद, जीवन…