तलाश
अपनो की दुनिया में, अंजान से रास्तों पे.. मंज़िल की तरफ बढ़ता मैं… अनचाही परिस्थियों से, लड़ता, उलझता.. सवालों के घेरे में, कटघरे में खड़ा मैं… समय से पहले… अपने जीवन की परिभाषा को समझता…..
अपनो की दुनिया में, अंजान से रास्तों पे.. मंज़िल की तरफ बढ़ता मैं… अनचाही परिस्थियों से, लड़ता, उलझता.. सवालों के घेरे में, कटघरे में खड़ा मैं… समय से पहले… अपने जीवन की परिभाषा को समझता…..