बंधन में ना बांधो मुझे, आज़ाद ही रहने दो..
धरा से दूर उस आकाश में,
उन्मुक्त सा होकर उड़ने दो..
अभी अभी तो पंख फैलाना सीखा है मैने,
थोड़ी लंबी उड़ान भरने दो,
थक भी जाऊँ जो इस सफ़र पर मैं,
मुझे फिर भी तन्हा ही रहने दो..
मिट्टी सा अस्तित्व लिए, हवा संग उड़ जाने ही आई हूँ मैं,
बारिश की पहली बूँद बनकर,
सागर में मिल जाने को आतुर हूँ मैं..
ना पता कोई, ना पहचान दो मुझे,
मैं बेनाम आई थी, अंजान ही रहने दो मुझे..
ना पूछो मेरी कहानी, ना कोई अरमान दो मुझे,
बेरंग सी इस ज़िंदगी में, बस थोड़े रंग भरने दो मुझे..
ना साहिल का पता, ना किनारे की दिशा दो मुझे,
खुद को मिटाकर, लहरों संग बहने दो मुझे..
मैं तराश लूँगी खुद को रास्ते में ठोकर खाकर,
अभी कुछ पल और बेतरतीब ही रहने दो मुझे..
कोई डोर नही मैं जिसे किसी छोर पर बाँध सको तुम,
बेखौफ़ हवा का झोंका हूँ, निरंतर चलने दो मुझे..
जिस ऊर्जा का अंश हूँ मैं, उसी में जल कर मिटने दो मुझे..
खुद को सँवारने का समय नहीं, उलझा ही रहने दो मुझे,
जिस पहचान को मैने अपनाया ही नहीं,
उस में अब और ना बांधो मुझे..
थोड़ा नादान हूँ, वक्त के साथ सब सीख जाऊँगी,
अभी पहरे बुलंद ना करो, वरना रिग्बिन्दु में सिमट जाऊँगी मैं..
ना सपना कोई, ना अरमान कोई,
एक मद्धम सी होती रोशनी हूँ मैं..
हर दिल को जो सुकून दे जाए,
एक सुनहेरी शाम हूँ मैं..
उन्मुक्त पवन सी, बेखौफ़ गरज सी,
और शायद अपनी ही धुन में आनंदित,
एक पहेली हूँ मैं..
बहते हुए हर झरने से कोई रिश्ता है मेरा,
आकाश में उड़ती उन तितलियों से अटूट नाता है मेरा,
लेकिन स्वयं में सीमित.. बह जाने को आतुर.. रवानी हूँ मैं..
ना समझो मुझे, ना जानो मुझे,
ना ही किसी एहसास से बांधो मुझे,
सब कुछ छोड़ कर एक दिन,
किसी कारवाँ में गुम हो जाऊँगी मैं..
ना बंधन में बांधो,
ना कोई पहचान दो मुझे,
मैं रात की परछाई हूँ,
बस सुबह का पैगाम दो मुझे..!!
Bhut acha likha hua hai…
Thank You very much
So deep ❤
? Thank You